उर्वशी की चूत से खून

 उर्वशी की चूत से खून

Antarvasna, kamukat: पापा अपने ऑफिस से कुछ समय पहले ही रिटायर हुए और वह ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौटा उस वक्त शाम के 7:00 बज रहे थे और जब मैं घर लौटा तो मुझे काफी ज्यादा थकान हो रही थी और मेरे सर में भी दर्द हो रहा था तो मैंने मां से कहा कि मां मेरे लिए चाय बना दो। मां रसोई में चली गई और मैं सोफे पर बैठा हुआ था मेरे सर में काफी तेज दर्द हो रहा था लेकिन जब मां मेरे लिए चाय बना कर लाई तो मैंने चाय पी तब जाकर मुझे थोड़ा आराम मिला। पापा भी पार्क में टहलने के लिए गए हुए थे और वह जब घर आ रहे थे तो वह मुझे कहने लगे कि महेश बेटा तुम क्या अभी घर आ रहे हो तो मैंने पापा से कहा कि पापा मैं थोड़ी देर पहले ही घर आया था। पापा और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो पापा ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए कोल्हापुर दीदी के घर जा रहे हैं।

मैंने पापा से कहा कि पापा लेकिन आपने मुझसे इस बारे में कुछ नहीं बताया तो पापा ने मुझे कहा कि बेटा आज तुम्हारी दीदी सरिता का मुझे सुबह फोन आया था और वह मुझे कह रही थी कि आप लोग कुछ दिनों के लिए कोल्हापुर आ जाइए। मैंने पापा से कहा कि पापा अगर आप लोगों को लगता है कि कुछ दिनों के लिए आपको कोल्हापुर जाना चाहिए तो आप कोल्हापुर चले जाइए। पापा चाहते थे कि मैं भी उनके साथ चलूं लेकिन मेरा उनके साथ जाना संभव नहीं था इसलिए मैंने पापा को मना कर दिया और कहा कि मैं आप लोगों के साथ नहीं चल पाऊंगा। पापा और मैं एक दूसरे के साथ बैठ कर बातें कर रहे थे।

मैंने पापा से कहा कि पापा मैं आप लोगों की ट्रेन की टिकट करवा देता हूं तो पापा ने कहा कि नहीं बेटा कल मैं रेलवे स्टेशन चला जाऊंगा और वहीं से ट्रेन की टिकट करवा लूंगा। उस दिन हम लोगों ने डिनर किया और फिर मैं कुछ देर के लिए छत में टहलने के लिए चला गया। मैं जब छत में गया तो वहां पर मैं कुछ देर रहा और फिर मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया। मैं अपने रूम में लेटा हुआ था लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और मैं सोने की कोशिश कर रहा था। मेरी आंखों से नींद गायब थी मुझे रात भर नींद नहीं आई और अगले दिन मुझे अपने ऑफिस भी जाना था। मैं जब अगले दिन अपने ऑफिस गया तो मुझे बिल्कुल भी ठीक महसूस नहीं हो रहा था।

मुझे लगा कि मुझे आज अपने ऑफिस से छुट्टी ही ले लेनी चाहिए थी लेकिन मैंने ऑफिस से छुट्टी नहीं ली थी लेकिन अगले दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। अगले दिन पापा और मम्मी भी कोल्हापुर चले गए थे और वह लोग दीदी के पास ही कुछ समय तक रहने वाले थे। मैं घर पर अकेला ही था इसलिए मैं जब घर पर लौटता तो मैं बोर हो जाया करता था। मम्मी ने पड़ोस में रहने वाली आंटी से कह दिया था कि वह मेरे लिए खाना बना दिया करें इसलिए मैं उनके घर पर खाना खा लिया करता था। पापा और मम्मी अभी तक लौटे नहीं थे और मैं अभी भी अकेला ही था लेकिन जब पापा मम्मी वापस लौटे तो मुझे काफी अच्छा लगा। मैं अपने काम के चलते वाकई में बहुत ज्यादा बिजी था और मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश भी था कि मेरी नौकरी अच्छे से चल रही है। एक दिन मेरी क्लास में पढ़ने वाली अंकिता का मुझे फोन आया और जब मुझे अंकिता ने फोन किया तो मेरी उससे काफी देर तक बातें हुई। अंकिता ने मुझे बताया कि वह नागपुर में ही आ चुकी है मैंने अंकिता से कहा कि तुम तो कुछ समय पहले मुंबई में नौकरी कर रही थी।

अंकिता ने मुझे बताया कि वह अब नागपुर में ही जॉब कर रही है। मैंने अंकिता से कहा कि मैं तुमसे कुछ दिनों के बाद मिलता हूं। जब मैं कुछ दिनों के बाद अंकिता को मिला तो वह काफी खुश थी और उसने मुझे बताया कि उसकी इंगेजमेंट होने वाली है। मैंने और अंकिता ने उस दिन साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया और हम लोगों ने अपने कॉलेज के दिनों की कुछ यादें ताजा की। मुझे काफी अच्छा लगा जब उस दिन मैंने अंकिता से बातें की थी और अंकिता के साथ में टाइम स्पेंड किया। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस दिन मुझे अंकिता ने फोन किया और अंकिता ने मुझसे कहा कि मैं चाहती हूं कि तुम मुझसे मिलो। मैंने अंकिता को कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं और मैं अंकिता को मिलने के लिए उसके ऑफिस के बाहर ही चला गया था। वहां कुछ देर हम दोनों साथ में बैठे तो अंकिता ने मुझे बताया कि आज उसके मंगेतर के साथ उसका झगड़ा हुआ है जिस वजह से वह काफी परेशान लग रही थी। मैंने अंकिता से कहा कि चलो आज हम लोग मूवी दिख आते हैं।

हम दोनों उस दिन मूवी देखने के लिए चले गए अंकिता का मूड भी थोड़ा अच्छा हो चुका था। मुझे लगा कि हम दोनों को साथ में डिनर करना चाहिए। अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैंने अंकिता से कहा कि हम लोग आज साथ में डिनर करते हैं तो अंकिता भी मेरी बात मान गई और हम दोनों ने उस दिन साथ में ही डिनर किया। डिनर करने के बाद मैंने अंकिता को उसके घर पर छोड़ दिया था और मैं अपने घर वापस लौट आया था। मैं जब अपने घर वापस लौटा तो काफी देर हो चुकी थी और मुझे काफी गहरी नींद भी आ रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं काफी थका हुआ महसूस कर रहा हूं इसलिए मैं जब अपने रूम में लेटा तो मुझे लेटते ही नींद आ गई।

मेरा अंकिता से मिलना होता ही रहता था लेकिन जब एक दिन अंकिता ने मुझे अपनी कजिन सिस्टर उर्वशी से मिलवाया तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा। यह पहली बार था जब हम लोग एक दूसरे को मिले थे लेकिन कहीं ना कहीं मैं और उर्वशी एक दूसरे को पसंद करने लगे। हम लोगों की कम ही मुलाकात हुई थी हम दोनों जब भी मिलते तो उर्वशी भी हमारे साथ ही होती थी और मुझे काफी अच्छा लगता जब मैं उर्वशी के साथ में समय बिताया करता। उर्वशी भी मेरे साथ काफी ज्यादा खुश है जिस तरीके से वह मेरे साथ में समय बिताया करती है। एक दिन उर्वशी और मैं साथ में थे उस दिन जब उर्वशी ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु जा रही है तो मैंने उर्वशी से कहा कि तुम वहां से वापस कब लौट रही हो। उर्वशी ने कहा कि मैं वहां से जल्द ही वापस लौट आऊंगी। उर्वशी को बेंगलुरु में कुछ जरूरी काम था इसलिए वह कुछ दिनों के लिए बेंगलुरु चली गई। मैं सोच रहा था कि क्या मुझे उर्वशी से अपने दिल की बात कह देनी चाहिए या नही। जब मैंने अपने दिल की बात उर्वशी से कही तो वह काफी ज्यादा खुश थी और मैं भी बहुत खुश था।

हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे तरीके से चलने लगा था हम दोनों के बीच काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है जिस वजह से हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा है। उर्वशी और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन मे थे। मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। मैं जिस तरीके से उर्वशी के साथ रिलेशन में हूं उससे हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हैं और कहीं ना कहीं हम दोनों का प्यार काफी ज्यादा बढ़ने लगा है। उर्वशी को मुझ पर बहुत ज्यादा भरोसा है। जब एक दिन मैंने उर्वशी के साथ सेक्स करने के बारे में सोचा तो उर्वशी भी तैयार थी। वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तडपने लगे थे। हम दोनों एक होटल में रुके और हम दोनों ने साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया था। मेरे सामने उर्वशी बैठी हुई थी तो मैं उसकी जांघों को सहला कर उसकी गर्मी को बढा रहा था। उर्वशी भी गर्म होती जा रही थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुम ऐसे ही बढ़ाते जाओ।

अब वह मेरे लंड को बाहर निकालने लगी थी। जब उसने मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू किया उसे मजा आने लगा था और मुझे भी अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी। मैंने और उर्वशी ने एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे और हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने उर्वशी के कपड़े उतार कर जब उसके स्तनों को देखा तो मुझे मजा आने लगा और मैं उसके स्तनों को दबाने लगा था। मैंनेउर्वशी के स्तनों को चूसना शुरू किया वह गर्म होने लगी थी वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। मैंने जैसे ही उर्वशी की चूत पर अपनी जीभ को लगाकर उसे चाटना शुरू किया तो उसको मजा आने लगा और वह बहुत ज्यादा गरम होने लगी थी। उर्वशी की चूत से निकलते हुए पानी को देखकर मै बहुत ज्यादा गर्म होता जा रहा था। मैंने उर्वशी से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है मैंने उर्वशी की चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया। जब मैंने उर्वशी की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मैं खुश हो गया उसकी योनि से बहुत ज्यादा खून बाहर निकलने लगा था।

उसकी चूत से खून निकलने लगा था मुझे मजा आने लगा था जब मैं और उर्वशी एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था। मैं उर्वशी  को धक्के मारता वह कहती तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैं उसे तेजी से धक्के मारे जा रहा था। जिस तरीके से मैंने उसे धक्के दिए उससे वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था उसकी सिसकारियां बढ़ती जा रही थी। उसकी सिसकारियां इतनी अधिक बढ़ चुकी थी अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने उर्वशी की इच्छा को पूरा कर दिया था उर्वशी की चूत में मेरा वीर्य गिर चुका था उसके बाद वह बड़ी खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से हमने सेक्स किया था। मैं अब वापस लौट आया था।

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