कॉलगर्ल शबा के साथ सेक्स


Antarvasna, hindi sex kahani: मैं नागपुर में नौकरी करता हूं और मेरी फैमिली भोपाल में रहती है। मैं काफी समय बाद उनसे मिलने के लिए भोपाल आया था मैं काफी सालों बाद घर लौट रहा था क्योंकि जब मैं नागपुर गया तो नागपुर में ही मैंने शादी कर ली थी और नागपुर में ही मैं सेटल हो चुका था। मेरे और मेरे भाई के बीच बिल्कुल भी अच्छी नहीं बनती थी इसलिए मैं घर छोड़कर चला गया था लेकिन जब मैं वापस लौटा तो मेरे परिवार के सारे सदस्य सब बहुत खुश थे। जब मैं घर वापस लौटा तो पापा और मम्मी ने मुझे कहा कि बेटा तुम भोपाल में ही कोई काम कर लो लेकिन मैं नागपुर वापस लौटना चाहता था क्योंकि नागपुर में ही अब मैंने अपना बिजनेस शुरू कर लिया था। हालांकि उसके लिए मुझे बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ी लेकिन समय के साथ सब कुछ ठीक होता चला गया और अब सब कुछ ठीक हो चुका है।

कुछ दिनों तक मैं अपने घर पर रुका तो घर में सब लोग बहुत ही खुश हुए लेकिन जब मैं नागपुर वापस लौट गया तो पापा का मुझे फोन आया और उन्होंने कहा कि अमन बेटा तुम वापस घर आ जाओ। मैंने उन्हें कहा कि आप लोग मेरे पास कुछ समय के लिए नागपुर आ जाइए पहले तो उन्हें मनाना बहुत ही मुश्किल था लेकिन फिर मैंने उन्हें मना लिया और अब मैं उन्हें अपने साथ नागपुर ले आया। जब मैं उन्हें अपने साथ ले आया तो उसके बाद वह लोग मेरे साथ ही नागपुर में रहने लगे और उन्हें भी अब नागपुर में अच्छा लगने लगा था। भैया और भाभी का व्यवहार पहले से ही कुछ ठीक नहीं था इसलिए वह लोग भी भोपाल में अलग रहने लगे थे। भाभी के पिताजी एक बड़े बिजनेसमैन है इसलिए भाभी को लगता है कि वह पापा और मम्मी के साथ बिल्कुल भी एडजस्ट नहीं कर पाएंगे इस वजह से वह लोग अलग रहते हैं। भैया और भाभी के अलग चले जाने के बाद पापा और मम्मी घर पर अकेले हो गए थे इसलिए मैंने उन्हें अपने पास बुला लिया। जब वह लोग मेरे पास आ गए तो मैं काफी खुश था कि हम लोग घर आ चुके हैं और मेरे साथ रह रहे हैं मेरी पत्नी सुधा उनका बहुत ही अच्छे से ध्यान रखती है और मैं काफी खुश था कि सुधा उनका अच्छे से ध्यान रख पा रही है मेरे लिए तो यह बड़ी ही खुशी की बात थी।

मैं और सुधा एक दूसरे को उस वक्त मिले थे जब मेरी स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी लेकिन सुधा ने मेरा हमेशा ही साथ दिया और शायद यह सब सुधा की वजह से ही हुआ है कि आज मैं एक अच्छे मुकाम पर हूं। मैं बहुत ज्यादा खुश हूं कि कम से कम आज मेरे जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा है क्योंकि यह सब सुधा की वजह से ही सम्भव हो पाया है। एक समय ऐसा था जब मुझे लगने लगा था कि मैं पूरी तरीके से टूट चुका हूं क्योंकि मेरे पास पैसे भी नहीं थे और मैं काफी ज्यादा परेशान था लेकिन उस वक्त सुधा ने मेरा साथ दिया यदि सुधा मेरा साथ नहीं देती तो मैं अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाता। मेरा बिजनेस अब अच्छे से चल रहा है और मैं अपने काम से बहुत ही ज्यादा खुश हूं, समय बीता जा रहा था और पापा और मम्मी भी हम लोगों के साथ ही रहने लगे थे उन लोगों को हमारे साथ रहना ही अच्छा लगने लगा था। भैया से भी मेरी कभी कबार बात हो जाया करती थी लेकिन उनसे मेरी इतनी ज्यादा बात नहीं हो पाती थी। एक दिन मैंने सुधा से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहा हूं तो सुधा मुझे कहने लगी कि लेकिन तुम कहां जा रहे हो तो मैंने सुधा को बताया कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं और वहां पर ही कुछ दिनों तक मैं रहूंगा। सुधा कहने लगी कि ठीक है परन्तु तुम वहां से कब वापस लौटोगे तो मैंने सुधा को बताया कि वहां से मैं जल्द ही वापस लौट आऊंगा। मैं वहां से कुछ दिनों में ही वापस लौटने वाला था और जब मैं मुंबई गया तो फ्लाइट में ही मेरी मुलाकात मेरे एक पुराने दोस्त के साथ हो गई।

जब मेरी मुलाकात उससे हुई तो मैं अपने दोस्त को मिलकर काफी खुश था मैं उस दिन अरुण को मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा अरुण भी मुझसे मिलकर बहुत खुश था। वह मुझे कहने लगा देखो यह भी बड़ी अजीब बात है कि मैं कुछ दिनों के लिए नागपुर आया हुआ था और तुम से भी मेरी मुलाकात हो गई। अरुण के बारे में मैं जानने के लिए बेहद उत्सुक था और मैं काफी खुश भी था। अरुण ने मुझे अपने शादीशुदा जीवन के बारे में बताया और वह मुझे कहने लगा कि मैं अब मुंबई में ही रहता हूं मैंने अरुण से कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है। अरुण ने भी मेरे बारे में पूछा तो मैंने उसे अपने बारे में बताया, मैं और अरुण जब एयरपोर्ट पर पहुंचे तो अरुण ने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कि तुम मुझे शाम के वक्त फोन करना। मैंने अरुण को कहा ठीक है मैं तुम्हें शाम के वक्त फोन करूंगा और उस दिन मैं जब मुम्बई पहुंचा तो मैंने अरुण को फोन किया अरुण मुझे कहने लगा मैं बस थोड़ी देर बाद ही तुम्हारे पास आता हूं। वह करीब एक घंटे बाद मेरे पास आ गया जब वह होटल में पहुंचा तो मैंने अरुण से कहा कि चलो आज हम लोग कहीं पार्टी करने चलते हैं तो अरुण कहने लगा कि ठीक है। हम लोग एक पब में चले गए और वहां पर हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने भी ड्रिंक का ऑर्डर किया और थोड़ी देर बाद ही ड्रिंक आ गई। जब ड्रिंक आई तो हम दोनों बातें करते करते ड्रिंक भी पी रहे थे और अरुण के बारे में जानकर मैं काफी खुश था।

अरुण ने मुझसे कहा कि अमन आज मुझे काफी अच्छा लग रहा है जो तुम इतने सालों बाद मुझे मिल रहे हो। हम दोनों को धीरे धीरे नशा होने लगा था इसलिए हम दोनों ने फैसला किया कि हम दोनों होटल में ही चलते हैं। मैं और अरुण होटल में चले गए अरुण ने कहा कि मैं अब चलता हूं मैंने अरुण से कहा कि थोड़ी देर तुम मेरे साथ रुक जाओ उसके बाद चले जाना तो अरुण कहने लगा कि ठीक है। थोड़ी देर तक अरुण वहीं बैठा हुआ था। मैने अरुण से कहा आज मेरा किसी के साथ सेक्स करने का मन था। मैने जब अरुण को कहा तो वह मुझे बोला अभी तुम्हारे लिए एक पटाखा माल का बंदोबस्त कर देता हूं। उसने मेरे लिए एक कॉल गर्ल को बुलाया जिसका नाम शबा है। वह बेहद ही सुंदर और छरहरे बदन की थी मै बहुत ज्यादा खुश था। अरुण उसके बाद होटल से जा चुका था और शबा मेरे पास बैठी थी। हम दोनो एक दूसरे से बात कर रहे थे मैंने अब शबा के स्तनों को दबाना शुरू किया।

जब मुझे उसने अपने स्तनों को दिखाया तो मैं भी अब अपने आपको कहा रोक पा रहा था। मैं उसके लिए तड़पने लगा था वह भी मेरे लिए तड़पने लगी थी। हम दोनों पूरी तरीके से पागल हो चुके थे मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया।  जब मैंने उसे अपनी बाहों में लिया तो वह मुझे कहने लगी चलो बेडरूम में चलते हैं। हम दोनों बेडरूम में चले आए जब हम लोग बेडरूम मे गए तो वहां पर अब वह मेरे साथ ही लेटी हुई थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा ले रहे थे मैंने शबा के होठों को बहुत ही देर तक चूसा। मैंने जब शबा के होंठों का रसपान किया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी बहुत ज्यादा बढ चुकी थी। मैं समझ चुका था वह एक पल के लिए भी रह नहीं पाएगी। मैंने शबा के कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे जब मैने शबा के बदन से उसके कपड़े उतारने शुरु किए तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी। मैं भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरे अंदर की आग इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाया और मैंने शबा से कहां लगता है तुम्हारी चूत में लंड को डालना पड़ेगा। वह अब तैयार हो चुकी थी। उसने अपनी पैंटी को नीचे उतारा जब उसने मुझे अपनी चूत दिखाई तो मैंने उसकी चूत को देखते ही चाटना शुरू कर दिया था।

मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं उसकी चूत चाट रहा था तो हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाकर अंदर की तरफ डाला तो मेरा लंड अंदर की तरफ घुस गया था। उसको मजा आ रहा था वह अपने पैर खोल कर मुझे कहने लगी मुझे और भी तेजी से चोदो। मैंने उसे तेजी से चोदना शुरू कर दिया था मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। जब मैं शबा की योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था तो मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। अब शबा भी अपने आपको एक पल के लिए रोक ना पाई वह मुझे कहने लगी आज मुझे मजा आ गया। मैंने उसके पैरों को आपस में मिलाकर उसे तेज गति से धक्के दिए। मैने तब तक शबा को चोदा जब तक उसकी इच्छा पूरी नहीं हो गई। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और मै भी बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था। वह मुझे कहने लगी मुझे मजा आ गया हम दोनों ने एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लिया।

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